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मंगल (१) के परिणाम मेष लग्न के अलग-अलग भावों में - Blog H25 - 26022018

मंगल के परिणाम मेष लग्न के अलग अलग भावों में




मेष लग्न की कुंडली 



मेष लग्न की कुंडली के प्रथम (पहले) भाव में मंगल के परिणाम

  • यहाँ मंगल देव जातक को एक निर्भीक और दबंग व्यक्तित्व बना देंगे
  • जातक शारीरिक रूप से भी सामान्य से ज्यादा सक्षम होगा उसकी शारीरिक शक्ति भी ज्यादा होगी
  • जातक हर काम-काज को मेहनत से भाग-दौड़ कर के पूरा करने में सदैव तत्पर होगा... वो मेहनत से घबराने वाला नहीं होगा
  • जातक थोडा उग्र परवर्ती का जरूर हो सकता है
  • जातक अक माता से लगाव होगा, वो माता की देख-भाल करने वाला होगा
  • गाडी भूमि वाहन मकान सब से मंगल देव यहाँ जातक को लाभान्वित अवश्य करेंगे
  • दांपत्य-सुख, पार्टनरशिप और रोजी-रोजगार सम्बन्धी सारे सकारात्मक परिणाम यहाँ जातक को अवश्य मिलेंगे
  • ससुराल पक्ष से सामंजस्य बना कर रक्खेंगे यहाँ मंगल देव
  • उत्तेजना/चिंता, अवसाद/डिप्रेशन आदि दूर करने में मंगल देव जातक के लीये मददगार होते है
  • जातक एक खोजी परवर्ती का बन जाता है, यानी वो अनसंधान करता है
  • जातक की आयु भी मगल देव यहाँ लम्बी कर देते हैं

मेष लग्न की कुंडली के द्वितीय (दूसरे) भाव में मंगल के परिणाम

  • यहाँ मंगल देव परिवार के लिए अच्छे हो गए
  • चूँकि मंगल एक उग्र ग्रह है.. उसमें क्रूरता का तत्व होता है, तो वो बन्दे की वाणी थोड़ी कठोर जरूर कर देंगे, जातक हर बात का सदा खीज कर जवाब देगा, यहाँ वाणी उग्र होना स्वाभाविक सी बात है
  • जातक को धन का आभाव कभी नहीं आने वाला
  • परिवार के साथ सदैव अच्छे सम्बन्ध बने रहेंगे
  • यहाँ मंगल देव जातक को निर्भीक बना देंगे
  • मानसिक रूप से काफी मजबूत बना देंगे
  • लव-रोमांस में कामयाबी देंगे
  • आकस्मिक लाभ देंगे
  • पेट सम्बन्धी समस्याएं जल्दी नहीं आने वाली
  • पुत्र प्राप्ति का योग भी मंगल देव बनाएँगे
  • यहाँ मंगल देव जातक के जीवन की बाधाओं और तनाव को कम करेंगे
  • अष्टम भाव सम्बन्धी भी सारे सकारात्मक परिणाम जातक को मिलेंगे
  • जातक पिता से मोह रखने वाला और उनकी देखभाल करने वाला होगा
  • विदेश यात्रा करने वाला होगा
  • धर्म को मानने वाला होगा
  • जातक का भाग्य सदैव उसका साथ देगा
  • कुल मिला कर दूसरे भाव में विराजमान मंगल पूर्णता लाभ देगा

मेष लग्न की कुंडली के तृतीय (तीसरे) भाव में मंगल के परिणाम


तीसरा भाव मंगल का कारक भाव है
  • जातक बहुत निडर और साहसी होगा, हर काम हिम्मत से भाग-दौड़ से करने वाला होगा
  • परन्तु यहाँ मंगल देवता मेहनत बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं, जातक परमात्मा की तरफ से हे भाग-दौड़ ज्यादा लिखवा कर लाया है, उस जातक की मेहनत सदैव सामान्य से कई गुना ज्यादा होती है
  • छोटे भाई-बहन का योग अवश्य बनाते हैं
  • लेकिन मेहनत भी करवाते हैं, छोटी मोटी यात्राएं भी करवाते हैं, यानी जिंदगी में मुश्किलें और परिश्रम अवश्य करवाते हैं
  • छठे भाव सम्बंधित प्रतियोगी परीक्षाओं में भी ज्यादा मेहनत करने के बाद ही परिणाम मिलता है
  • पिता, भाग्य के लिए अच्छे होते हैं और छोटी-मोटी विदेश यात्रा भी अवश्य होती है मंगल की दशा-अन्तर्दशा में
  • काम-काज में भी जरूरत से ज्यादा मेहनत-परिश्रम करने के बाद ही जातक को कुछ लाभ हो पता है
  • कुल मिला कर तीसरे भाव में पड़ा हुआ मंगल देवता बहुत ज्यादा अछे फल नहीं देता, क्योंकि ये मेहनत का घर है

मेष लग्न की कुंडली के चतुर्थ (चौथे) भाव में मंगल के परिणाम


यहाँ मंगल देव नीच के हो जाते हैं और अपनी योग-कारकता खो देंगे, अपनी दशा-अन्तर्दशा में जातक का जीवन कष्टों से भरता मिलेंगे
  • दशा-अन्तर्दशा में माता से कलेश और मन-मुटाव होगा, घर में भी कलह-कलेश रहेगा
  • मकान बनना हो तो उसमें भी देरी होगी
  • छाती में भी समस्याएं आ सकती हैं, अस्थमा-दमा भी हो सकता है
  • दांपत्य सुख में भी कलह-कलेश होगा
  • साझेदारी-पार्टनरशिप में भी समस्या होगी और रोजी-रोजगार में भी सदैव दिक्कत परेशानी ही देता मिलेगा मंगल देवता
  • काम-काज सम्बन्धी भी बाधाएं आएंगी
  • लाभ आने में भी दिक्कत-परेशानियां होंगी
  • बड़े भाई-बहन से भी समस्याएं बनी रहेंगी 
  • और छोटी-मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी भी दिक्कत-परेशानियां भी देते ही रहेंगे मंगल देव

मेष लग्न की कुंडली के पंचम (पांचवे) भाव में मंगल के परिणाम


यहाँ मंगल देव बहुत अच्छे हो गए और दशा-अन्तर्दशा में पूर्णता सकारात्मक परिणाम ही देते मिलते है
  • जातक बहुत सूझवान होगा
  • पुत्र प्राप्ति का योग अवश्य बनेगा
  • उसको उदर/पेट सम्बन्धी समस्याएं जल्दी नहीं आएंगी
  • आकस्मिक लाभ का योग बनता है
  • जातक को लव-रोमांस में कामयाबी अवश्य मिलेगी
  • जातक की इच्छा और स्मरण शंक्ति बहुत मजबूत होगी
  • जातक दिमाग से परिश्रम कर के अपना जीवन यापन अच्छा और स्थिर अवश्य कर लेगा
  • पुश्तैनी संपत्ति मिलने का योग बनता है
  • जातक गुप्त/गूढ़ ज्ञान प्राप्त करता है
  • वह जल्दी चिंताग्रस्त नहीं होता और अवसाद में भी नहीं आता
  • अष्टम भाव सम्बन्धी भी उसे पूर्णता सकरात्मक परिणाम मिलते हैं
  • बड़े भाई-बहन की पूर्णता सहयोग मिलता है
  • जातक को धन का आभाव कभी नहीं रहता, लाभ सदा बन रहेगा, जितना मर्जी उसे धन की जरूरत आजाये ...कहीं ना कहीं से उसे धन का आगमन उसे अवश्य होता रहता है... उसकी जरूरत पूरी अवश्य हो जाती है
  • छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्या भी मंगल की दशा-अन्तर्दशा में चली अवश्य जाती हैं
  • विदेश यात्रा कर के विदेश से भी जातक लाभ प्राप्त कर लेगा, विदेश यात्रा में मददगार जरूर सिद्ध होते है मंगल देव
  • फ़िज़ूल खर्चे अगर जातक के होते हैं तो भी जातक उससे भी पार अवश्य पा जाता है

मेष लग्न की कुंडली के षष्ठम (छठे) भाव में मंगल के परिणाम


यहाँ मंगल देव कभी अच्छा फल नहीं देंगे
  • मंगल की दशा-अन्तर्दशा में रोग ऋण कर्जा दुर्घटना मुकदमा कोर्ट-केस लिटिगेशन सम्बन्धी सारी दिक्कत परेशानियां होंगी
  • एक लाभ जरूर हो सकता है की यहाँ मंगल देव जातक को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता देकर उसे राजपत्रित अधिकारी तक बना सकते हैं
  • जातक का पिता से मनमुटाव बना रहेगा
  • वह धर्म को जल्दी नहीं मानता
  • फ़िज़ूल के व्यय होते रहते हैं
  • जातक मानसिक रूप से भी जल्दी ही तनाव में आजाता है
  • हस्पताल के खर्चे भी होते रहते हैं, जातक का स्वास्थ्य कभी भी स्थिर नहीं हो पता, कोई न कोई समस्या चलती ही रहती हैं
  • अगर लड़ाई-झगडा हो जाए तो जेल यात्रा तक का योग मंगल देव बना देते हैं

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मेष लग्न की कुंडली के सप्तम (सातवें) भाव में मंगल के परिणाम

  • यहाँ मंगल देव जातक के व्यक्तित्व को निडर बना देंगे, जातक अपने रोबदार व्यक्तित्व और परिश्रम से अपने जीवन की मुश्किलों को दूर अवश्य कर लेता है
  • यहाँ मंगल देव जातक का दांपत्य सुख सदैव अच्छा करने में मददगार सिद्ध होंगे, जातक पत्नी के लिए काफी भावुक होगा, पत्नी की देखभाल करने वाला होगा और उससे काफी लगाव रक्खेगा
  • पार्टनरशिप में सदैव मंगल देव लाभान्वित करेंगे
  • रोजी-रोजगार का भी कोई न की नया रास्ता खोल कर जातक अपना जीवन यापन आसान करता ही मिलेगा
  • अपने कर्म में कोई न कोई नया लाभ जातक को मिलता ही रहता है, जातक सामान्य से ज्यादा मेहनती होगा, काम करने से कभी पीछे नहीं हटता और अपने कर्म द्वारा जीवन यापन को आसान अवश्य कर लेता है
  • यहाँ मंगल देव धन कुटुंब के लिए अच्छे हो गए, लेकिन वाणी के लिए थोडा गड़बड़ जरूर करेंगे क्योंकि मंगल एक उग्र ग्रह हैं और वाणी को उग्र करना इक स्वाभाविक सी बात हो जाती है
  • जातक को धन का आगमन कहीं न कहीं से होता ही रहता है
  • परिवार पूर्णता जातक का साथ देने वाला होता है, जातक कितनी भी मुश्किल में फंस जाए परिवार एक मजबूत स्तम्भ बन कर उसके साथ खड़ा रहता है
  • कुल मिला कर सप्तम भाव में मंगल सदैव जातक को चोतरफ़ा लाभ यानी सकारात्मक परिणाम देता ही मिलेगा

मेष लग्न की कुंडली के अष्ठम (आठवें) भाव में मंगल के परिणाम


यहाँ मंगल स्वः राशी के हो जाते हैं
  • अपनी दशा-अन्तर्दशा में कभी अच्छा फल नहीं देंगे, सारी जिंदगी बाधाएं-समस्याएं लगी ही रहती हैं, जातक को मंगल अपनी दशा-अन्तर्दशा में मृत्यु तुल्य कष्ट देता मिलेगा
  • जातक जितनी भी मेहनत/भाग-दौड़ करे उसका उचित परिणाम उसको कभी नहीं मिल पता, हर काम बढाऊँ और तनाव देकर ही होता मिलेगा
  • लाभ में कमी बनी रहेगी, मंगल की दशा-अन्तर्दशा में वित्तीय संकट आना एक स्वाभाविक सी बात हो जाती है, जातक को धन का आभाव सदा बना ही रहता है
  • परिवार से दूर जाने का योग बनेगा, परिवार जातक का कभी साथ देने वाला होगा ही नहीं
  • जातक की वाणी उग्र होना स्वाभाविक सी बात है
  • जातक बिना कारण के खीजता रहेगा और व्यर्थ का प्रक्रम दिखता रहेगा
  • जातक का हर काम मेहनत से जरूरत से ज्यादा भागने दौड़ने के बाद होगा, छोटी मोटी फ़िज़ूल की यात्रा भी उसे अवश्य करनी पड़ेंगी
  • भाई-बहनों से भी कलह कलेश मचेगा
  • छोटी-मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं भी आएंगी
  • अष्टम भाव में मंगल सदैव अशुभता की श्रेणी में मने जाएँगे और सदैव अपनी दशा-अन्तर्दशा में अशुभता के फल ही देंगे

मेष लग्न की कुंडली के नवम (नवं) भाव में मंगल के परिणाम


यहाँ मंगल की दशा-अन्तर्दशा में जातक सदैव लाभान्वित होता ही मिलेगा
  • मंगल देव पिता और भाग्य के लिए अछे हो गये
  • जातक का पिता से बहुत ज्यादा लगाव होगा
  • जातक भाग्यवान माना जाता है, भाग्य सदैव उसका साथ देने वाला होगा
  • धर्म को जातक मानने वाला होगा
  • जातक विदेश से लाभान्वित होगा, विदेश यात्रा और स्थायी विदेश प्रवास का योग भी बना सकते हैं मंगल देव
  • जातक विदेश से लेन-देन कर के या इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का काम कर के या विदेश में कोई न कोई जॉब कर के अपना जीवन यापन आसान अवश्य कर लेगा
  • हस्पताल के खर्चे होंगे तो वो मंगल की दशा-अन्तर्दशा में वो दूर अवश्य होंगे
  • छोटी मोटी यात्राएं भी जातक की होती रहेंगी
  • मगल देव जातक को मेहनती भी अवश्य बना देंगे
  • छोटे भाई का योग बनेगा, छोटे भाई-बहन की सपोर्ट अवश्य मिलेगी
  • यहाँ जातक अपने कार्य को भाग्य और मेहनत के सहारे सिद्ध जरूर कर लेगा
  • यहाँ मंगल देव माता के लिए भी अच्छे हो गए, जातक का माता से बहुत ज्यादा लगाव होगा
  • जातक मंगल की दशा- अन्तर्दशा में भूमि गाडी वाहन मकान इन सब सुख सुविधाओं से संपन्न भी अवश्य हो जाएगा
  • मंगल देवता उसे हर तरफ से लाभान्वित ही करते मिलेंगे

मेष लग्न की कुंडली के दशम (दसवें) भाव में मंगल के परिणाम


यहाँ मंगल देव उच्च के हो जाते हैं और उन्हें दिशा-बल मिलता है
  • दशा-अन्तर्दशा में काम-काज अच्छा होगा मंगल देव काम-काज में सदैव वृद्धि करते मिलेंगे, जातक काम से जल्दी घबराने वाला नहीं होगा
  • जातक का व्यक्तित्व अच्छा होगा, मंगल देव जातक को एक निडर व्यक्तित्व बना देंगे, शारीरिक रूप से मजबूत बना कर उसे मेहनती भी अवश्य बना देंगे
  • माता गाडी भूमि वाहन मकान सारी सुख सुविधाओं से मंगल देवता अपनी दशा अन्तर्दशा में जातक को लाभान्वित अवश्य करेंगे
  • जातक का माता से बहुत लगाव होगा
  • सुख सुविधाएं भी मंगल देव अच्छे से पूर्ण कर देंगे
  • पुत्र प्राप्ति का योग बनेगा
  • जातक को उदर संबंधी समस्याएं जल्दी नहीं आएंगी
  • यहाँ मंगल देव जातक की इच्छा शक्ति और स्मरण शक्ति को भी तीक्ष्ण कर देंगे
  • लव-रोमांस में कामयाबी भी जातक को अवश्य मिलेगी
  • आकस्मिक और चोतारफा लाभ होने का योग भी अवश्य बनेगा

मेष लग्न की कुंडली के एकादश (ग्यारहवें) भाव में मंगल के परिणाम


यहाँ मंगल देव अपनी दशा-अन्तर्दशा में जातक को लाभान्वित करते ही मिलेंगे
  • बड़े भाई-बहन का पूर्णता सहयोग मिलेगा
  • जातक जो भी इच्छा करेगा मंगल की दशा-अन्तर्दशा में वो इच्छा पूर्ण अवश्य होंगी, जातक की हर मनोकामना पूर्ण होगी
  • छोटी-मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं अगर होंगी तो वो चली अवश्य जाएंगी
  • यहाँ मंगल देव धन की वृद्धि करने करने के लिए बाध्य हो जाएगा, धन का आभाव कभी नहीं देगा
  • परिवार पूर्णता साथ देना वाला होगा
  • यहाँ वाणी थोड़ी सी उग्र होना एक स्वाभाविक सी बात मानी जाती है
  • मंगल पुत्र प्राप्ति का योग बना देंगे
  • जातक को दिमाग से और उसकी इच्छा शक्ति को मजबूत कर देंगे
  • आकस्मिक लाभ भी देंगे
  • लव-रोमांस में कामयाबी देंगे
  • पेट सम्बन्धी समस्याओं को दूर करेंगे
  • रोग ऋण कर्जा दुर्घटना मुकदमा कोर्ट-केस लिटिगेशन इन सब से जातक को फारिग कर के पूर्णता लाभ दिलवाएँगे
  • प्रतियोगिताएं में जीत दिलवाने में मददगार सिद्ध होंगे, जातक प्रतियोगितों में सफलता अवश्य पा लेगा
  • कुल मिला कर छ्टे भाव के परिणाम सकारात्मक करने में मंगल देव बाध्य हो जाएँगे

मेष लग्न की कुंडली के द्वादश (बाहरवें) भाव में मंगल के परिणाम


मंगल देवता यहाँ अति मारक ग्रह बन जाएंगे
  • अपनी दशा-अन्तर्दशा में जातक सारा जीवन फ़िज़ूल के खर्चे ही नहीं संभाल पता, उसे ये समझ ही नहीं आता की में जितना कमा लूँ पर मेरा खर्च वहीँ का वहीँ खड़ा रहता है, मंगल यहाँ फ़िज़ूल के व्यय करता ही रहेगा
  • हस्पताल के खर्चे भी बढे रहेंगे
  • जेल यात्रा भी हो सकती है
  • जातक विदेश में स्थापित भी हो सकता है
  • मानसिक अशांति भी बनी रहेगी
  • छोटे भाई-बहन से भी कलह-कलेश मचा देगा
  • यहाँ मंगल देव जातक की मेहनत बाधा देंगे, जातक को सामान्य से ज्यादा परिश्रम करना पड़ेगा
  • छोटी मोटी यात्राएं अवश्य करनी पड़ेंगी
  • मंगल देव यहाँ रोग ऋण शत्रु कर्जा दुर्घटना मुकदमा बढ़ा देंगे, इन सब में बढ़ोतरी कर के जातक की मुश्किलें कई गुना बढ़ा देंगे
  • दांपत्य सुख, साझेदारी/पार्टनरशिप और रोजी-रोजगार भी बुरी तरह प्रभावित हो कर नुक्सान की स्थिति में आ जाएंगे और समस्याएं और कलह-कलेश होने का योग बनेगा



ध्यान दें: 
  • ग्रहों का कुंडली में सावधानी से अध्यान किये बगैर न तो कोई रत्न धारण करें और न ही कोई दान करें
  • ग्रहों के प्रभाव मुख्यत: दशा-अन्तर्दशा में ही दिखाई देते हैं
  • विभिन्न कारक जैसे विपरीत-राज-योग, नीच-भंग-राज-योग, कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दूसरे ग्रहों से संयोजन, ग्रहों का कोण/अस्त/वक्रीय होना ... ग्रहों द्वारा दिए जाने वाले परिणामों को प्रभावित करते है 
  • ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए किसी अछे ज्योतिषी से संपर्क करने के पश्चात् ही कोई उपाय करें
  • कई लोग आपको काल-सर्प, पित्र-दोष और मंगल-दोष आदि का डर दिखा कर अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसे व्यक्तियों की बातों से बिलकुल नहीं घबराएं, उपाय सरल और आसान होते हैं जिन्हें आप बिना किसी की मदद के आसानी से स्वयं कर सकते हैं
  • रत्नों के चयन में कभी भी लापरवाही ना बरतें, मोती और पुखराज जैसे रत्न भी अगर कुंडली का उचित विवेचन किये बगैर पहने गए तो मृत्यु-तुल्य कष्ट तक दे सकते हैं 

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Vikas Bhardwaj
MBA - IT/Finance (MDI Gurgaon), M.Tech - Applied Mechanics (NIT Bhopal), B.E - Mechanical (REC Bhopal)
Past Experience - JPMorganChase & Co. / Capgemini / RRL / CresTech

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